Plot No. 9130 सदियों पुराना विवाद से जुड़ा है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के करीब के इस प्लॉट को ज्ञानवापी परिसर के तौर पर जाना जाता है। लेकिन इसकी असलियत क्या है यह मंदिर है या फिर मस्जिद है? हिंदू पक्ष इसे भगवान विश्वेश्वर महादेव का मूल स्थान मानते हैं।जहाँ पर सम्राट विक्रमादित्य ने विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था। वहीं मुस्लिम पक्ष यहाँ पर मौजूद मस्जिद को अपनी आस्था का केंद्र बताता है। बस इसी विवाद को सुलझाने के लिए अदालती आदेश पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) ने परिसर की पड़ताल की थी। अब ASI की रिपोर्ट सामने आ चुकी है और इस रिपोर्ट में हैरत अंगेज साक्षियों का पूरा ब्योरा है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इस अलौकिक दृश्य को देखकर समस्त सनातनी धन्य हुए। रामलला अपने जन्म स्थान पर विराजमान हुए तो इतिहास का 500 वर्ष का एक चक्र पूरा हुआ। इसके ठीक 2 दिन बाद अयोध्या से 200 किलोमीटर दूर वाराणसी जिला अदालत में ऐतिहासिक दस्तावेजों के पन्ने पलटे गए। जिससे आस्थावानों की सदियों पुरानी आस जाग उठी। ये पन्ने ज्ञानवापी पर ASI की सर्वे रिपोर्ट के थे। ASI यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया.
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भारतीय पुरातत्विक सर्वेक्षण ने 839 पन्ने 32 स्थान 259 प्रमाण दिए और Plot No. 9130 का सच सामने आ गया जैसे सबूत राम मंदिर में मिले थे जैसे जन्मस्थान के वैज्ञानिक पड़ताल हुई थी, जैसी निशानियाँ श्री राम के जन्मस्थान पर जुटाई गई थी, ठीक वैसे ही काशी विश्वनाथ धाम के करीब बने ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक पड़ताल में भी फैक्ट फाइंडिंग हुई है ज्ञानवापी पर एसआइ की फर्स्ट हैंड रिपोर्ट आने के बाद दोनों पक्षों के अपने अपने दावे हैं।
ज्ञानवापी पर ASI के सर्वे रिपोर्ट में क्या मिला है?
- पश्चिम दीवार मंदिर का अवशेष
- ज्ञानवापी परिसर में 32 ऐसी जगह है जो मंदिर की थी।
- दीवार पर त्रिशूल की आकृति, स्वस्तिक और नाग देवता के निशान मिले।
- हिंदू देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली।
- ज्ञानवापी में मौजूदा पिलर भी मंदिर के मलबे के ही हैं, जिन्हें दोबारा इस्तेमाल किया गया।
- एक 1669 का है जिसे दोबारा इस्तेमाल किया गया।
- हिंदू मंदिर के अवशेष को कथित मस्जिद बनाने में इस्तेमाल किया गया।
- एसआइ के सर्वे में मंदिर के अवशेष देवनागरी और तेलुगू ग्रंथ मिले हैं।
- रुद्र जनार्दन समेत कई देवताओं के चिन्ह मिले।
- मस्जिद में एक जगह लिखा है महा मुक्ति मंडप ये साफ संकेत है औरंगजेब के आदेश पर मंदिर तोड़ा गया
ASI ने किस तकनीक और उपकरणों से ज्ञानवती का सर्वे किया?
- फोटोग्राफी,
- विडियोग्राफी
- थ्री डी इमेज
- रासायनिक प्रक्रिया
- हाइटेक इन्स्ट्रुमेंट
ASI ने इन सबके इस्तेमाल से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए। मतलब यह कि यह रिपोर्ट वैज्ञानिक हैं प्रामाणिक है संदेश से पूरी तरह परे है मुस्लिम पक्ष के वकील रिपोर्ट को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद तसल्ली से जवाब देने का सब्र रखने को कह रहे है तो बनारस के मुसलमान फिलहाल इस पर कुछ भी इजहार करने से परहेज कर रहे है